जिंदगी भले छोटी दे देना ए खुदा, मगर देना ऐसी! की मुद्दतों तक लोगों के दिल में जिंदा रहे।
एक बार एक लड़का किसान परिवार में पैदा हुआ किसान चाहता था कि लड़का खेती करें किसान बने लेकिन लड़का यह चाहता था कि उस राज्य के सेना में शामिल हुए और सैनिक बने लड़के ने डरते डरते अपने पिता को बात बताई कि मैं तो सैनिक बनना चाहता हूं उसके जो पिताजी थे वह गुस्सा नहीं हुए उन्होंने कहा ठीक है अगर तुम सैनिक बनना चाहते हो तो तलवारबाजी सीखो क्योंकि सैनिकों को तलवारबाजी तो आनी होनी चाहिए परयोगिता होती है लड़का गया क्लास लेने के लिए लेकिन उसको लगा तलवारबाजी तो मेरे बस की नहीं है अब उसने सोचा कि जाना तो सेना में है तलवारबाजी मुझे नहीं आती है उसने तो जाना सैनिक मैं है उसने जिद पकड़ ली क्या किया जाए अब तो उसे मालूम चला जो राज्य के सेनापति थे उनके रिश्तेदार के कोई दोस्त है
यह लड़का उस रिश्तेदार के घर गया अपने माता जी से बोला मेरी इनसे बात कर आई बात किया उनके माता जी को उनके और जाकर सेनापति से बोला प्लीज मुझे सेना में ले लीजिए तो रिश्तेदार ने बोला सेनापति से तो सेनापति उसके दोस्त है तो बात टाल नहीं पाया इस लड़के को बैक डोर से एं ट्री मिल गई सेना में सेना में शामिल हो गया जिसको ढंग से तलवारबाजी भी नहीं आती थी सेनापति ने इस सैनिक को रिजर्व फोर्स में रख लिया जिसमें काम आराम करना होता था मतलब बहुत कम काम करना होता था युद्ध में बहुत कम जाना तथा रणभूमि नहीं जाना हो था लेकिन एक बार इस राज्य में बहुत बड़ा हमला हुआ अटैक वास जिससे उसमें उन सेना को भी जाना पड़ा जो आराम करते थे इस लड़के को भी जाना पड़ा रणभूमि में इसे तलवारबाजी आती नहीं थी बाकी सैनिकों को लगाओ यह किस को रख ले उसको तो ढंग से तलवारबाजी भी नहीं आती है रणभूमि में इसकी जान बचाई जा रही थी इसको तो ढंग से तलवार चलाना नहीं आता इस सैनिक की जान कुछ सैनिकों ने मिलकर के बचाई जब वापस आया युद्ध भूमि से तो सैनिकों ने कहा सेनापति से कि तुमने किसको रख लिया है उसको तो ढंग से तलवारबाजी भी नहीं आती इसको तो रखना ही नहीं चाहिए था
सेनापति कुछ बोल नहीं पा रहा था क्योंकि रखा तो उसी ने था सेनापति ने क्या-क्या गुस्से गुस्से में ड्रामा करते हुए तुम यहां से बाहर निकलो और जाकर दरबान बन जाओ तुम्हें अब कुछ नहीं करना है बस महल का पैरा देना है अब तुम्हें कुछ नहीं करना है बस रात भर जग कर पैरा देना है लड़के को बुरा लग रहा था उसे डांट दिया गया था वही सेनापति जिसने सेना में उसे दाखिला दिलाया था उस लड़के को लग रहा था शायद कोई मंत्री से बात होती शायद कोई राजा से बात होती तो अच्छी पोस्ट मिल सकती थी इसी सोच में लड़का जाकर के दरबान की नौकरी करने लगा रोज रात में जाता था पहरा देता था रोज ऐसे पहरा देना होता था अब यह रोज सोचता था अगर राजा से बात हो जाए तो शायद कुछ बात बन जाए सर्दी का मौसम आया इसके पास में पैसे नहीं थे तनखा कम हो चुके थी ठिठुरता हुए नौकरी करता था
पतली सी वर्दी थी एक रात में राजा वहां से निकले सैनी कम थे उनकी नजर पड़ गई एक सैनिक जो है ठिठुरता हुआ बैठा हुआ है राजा साहब उसके पास गए और पूछा कि आपको ठंड नहीं लग रही इतनी ठंड है आप ठिठुर रहे हैं इतनी पतली सी वर्दी है लड़के को अंदर से खुश हुई उसे लगा कि आज शायद बात बन जाएगी जो लड़का था वह अपनी दुख भरी कहानी सुनाने लगा मैं तो रोज यहां तो इतनी ठंड होती है मेरा जीवन कैसे बीतेगा तभी राजा ने बोला कोई बात नहीं अब बैठो मैं अंदर से गर्म कंबल भेजो आता हूं
उससे आपको ठंड नहीं लगेगी आप आराम से बैठ कर यहां पर नौकरी करो राजा साहब अंदर गए जाकर के बिजी हो गए अपना वादा भूल गए थे रात बीत गई सवेरे सवेरे कुछ सैनिक आएगा जा के पास और बोला कि महाराज जिस दरबान से आपने वादा किया था उसकी मृत्यु हो चुकी है राजा को बड़ा बुरा लग रहा था राजा गया मिलने के लिए पहुंचा तो लाश पड़ी हुई थी उसी पहरेदार की जिससे राजा ने रात में वादा किया था और उस लाश के पास एक छोटी सी पर्ची पड़ी हुई थी
उस पर्ची में लिखा हुआ था कि महाराज रोज रात में मैं अपनी ही गरीबी की जिंदगी जी रहा था रोज रात में या पतली सी भर्ती में नौकरी कर रहा था इतनी सर्दी में लेकिन कल रात जब आप मुझसे वादा करके गए कि आप गर्म कंबल भेजो आओगे पता नहीं क्या हुआ उस बात पर उसके बाद में मुझे और ज्यादा ठंड लगने लगी मुझे लगा कि कमल आ जाएगा सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन मेरे शरीर से ठिठुरता गया और मुझे लग रहा है कि अब मेरी जान जा रही है अब शायद मैं आपसे कभी नहीं मिल पाऊंगा
इस कहानी से सीख मिलती है
सहारे इंसान को खोखला कर देते हैं उम्मीदें कमजोर कर देती अगर आपको किसी के भरोसे रहना है तो खुद अपने ऊपर डिपेंड गई है