कि हवा की तरह होती है मुसीबतें हवा की तरह होती है, मुसीबतें की कितनी भी खिड़की बंद कर लो अंदर आ ही जाती हैं
एक बार एक बच्चा अपने घर में जिद कर रहा था कि पापा मुझे तो डॉग लेकर के आना एक पप्पी लेकर आना है लेकिन घर वाले तो घर वाले होते हैं उसके पिताजी ने बच्चे को डांट दिया बोला पढ़ाई पर ध्यान दो अपना फोकस पढ़ाई करने में ध्यान लगाओ ना कि यह डॉग मैं कुल मिलाकर उसके परिवार वाले मना कर दिए लेकिन छोटा सा बच्चा भी कलाकार था उसको लग रहा था कि नहीं डॉग तो लेकर आना है एक छोटा सा पप्पी लाने के लिए उसने अपना पॉकेट मनी से सेविंग करना शुरू कर दिया
अपने पिकी बैंक में पैसा जमा करना शुरू कर दिया तो ऐसे ही कुछ महीनों के बाद वह बच्चा एक दिन अपना पिगी बैंक खोल करके देखा तो 2000 रुपे इकट्ठा हो गए जब वह देखा बड़ा ही खुश हो गया अब वो एक छोटा सा पप्पी लाने के लिए घर से जैसे तैसे हिम्मत करके निकल गया और जाकर के मार्केट में पहुंचा और डॉग स्टोर जा कर के वहां पहुंच गया जब उस शॉप के अंदर एंटर हुआ तो देखा की प्राइस कुछ और ही चल रहा है इसे वहां जाकर पता चला 10000, 15000 20000 एक छोटे से पप्पी के यानी डॉग का प्राइस बताया गया बच्चे को समझ नहीं आया कि क्या करें जैसे तैसे वो डॉग ऑनर के पास पहुंचा बोला की अंकल जी पैसे तो सिर्फ दोहजार रुपए हैं लेकिन आज मैं अपने आप से वादा किया हूं कि अपने साथ में पप्पी ले करके जाऊंगा
वो स्टोरी का होनर था देख रहा था कि छोटा सा बच्चा बहुत बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है उसने कहा कि बेटा देखो आप ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि प्राइस देखो आप प्राइस बहुत ज्यादा है अब घर चले जाओ बच्चे ने जिद किया जो वो दुकानदार था उसको लेकर के गया केबिन में ले कर के गया उधर अंदर जब उसने कैबिन खोला तो चार पांच पप्पी उधर से दौड़ते हुए बाहर निकले
अब वो पप्पी दौड़ते हुए निकल गए मगर एक पप्पी जो था वह बड़ा ही धीरे-धीरे चल रहा था बच्चे का ध्यान उसी पर गया और बच्चे ने कहा कि ऐसा क्यों चल रहा है ये पप्पी तो वो दुकानदार था जो ओनर था उसने बताया कि बेटा हमें डॉक्टर ने बताया है कि इसको hip socket नहीं है तो यह जिंदगी भर ऐसे ही चलेगा लंगड़ा करके और यह जिंदगी भर ऐसे ही रहेगा बदलने वाला नहीं है तो बच्चे ने कहा कि अंकल जी मुझे तो यही चाहिए मैं अपने साथ यही लेकर के जाऊंगा तो दुकानदार ने कहा कि बेटा क्या पागलपन है
यह इसको तुम्हें ऐसे ही दे दूंगा कुछ और लेकर के जाओ कुछ पैसे और लेकर के आओ चिंता मत करो बच्चे ने कहा नहीं नहीं आप मेरे साथ बाहर आओ वह उसको लेकर के गया काउंटर पर ले जाकर के कहा कि मैं आपको अभी दो हजार रहा हूं और इसके जितने भी पैसे बनते हैं मैं मेहनत करूंगा कैसे भी करूंगा पापा से बोलूंगा आपको पैसे पूरे ला करके दूंगा लेकिन उतने ही रुपया दूंगा जितने बाकियों के बनते हैं लेकिन सस्ते में ले करके नहीं जाऊंगा तो दुकानदार ने फिर कहा कि बेटा तुम समझ नहीं रहे हो तुम इसे ऐसे ही फ्री में लेकर के जाओ और साथ में कोई और दूसरा पप्पी लेकर के जाओ लेकिन इसको ले जाओ इसके पैसे पैसे मत दो यह तुम्हारे साथ कभी नहीं खेल पाएगा जैसे
बाकी पप्पी तुम्हारे साथ खेलेंगे कुदेगे मस्ती करेंगे ये कभी नहीं खेल पाएगा क्योंकि यह लंगड़ा करके चलेगा तुम समझ रही हो बात को उस छोटे से बच्चे ने कहा कि अंकल एक बात कहना चाहता हूं थोड़ा पीछे हटा काउंटर से और उसने अपनी पेंट थोड़ी सी ऊपर की उसका जो उल्टा पाऊं था लेफ्ट लेग उसने वह दिखाई अपाहिज पैर था और एक बड़ी मेटल ब्रश से सपोर्टेड था उसको देख कर के उस दुकानदार के आंखों में आंसू आ गए उसके बाद बच्चे ने कहा कि मेरे पापा ने मुझसे बहुत बड़ी बात कही है कि जिंदगी में इस अपाहिज पैर के वजह से खुद को कभी भी कमजोर मत समझना इसलिए मैं खुद को कमजोर नहीं समझता तो इस पप्पी को कमजोर क्यों समझूं और इस पप्पी को भी फील कराना चाहता हूं कि दुनिया में कोई है कि जो इसकी कीमत को इसकी अहमियत को समझता है
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि
हमेशा इंसान अंदर से कमजोर होता है बाहर के चलनजो से ज्यादा कमजोर आप खुद बनाते हैं जिस दिन आप ने डिसाइड कर लिया कि आप कमाल करना चाहते हैं उस दिन आप कमाल कर के दिखाएंगे